आधुनिक सभ्यता के दौर में मानव समाज प्राकृतिक नियमों की अवहेलना कर के प्रकृति से जितना दूर जा रहा है, उतना वह दण्ड स्वरूप अधिक रोग भोग रहा है । अत: मानव प्रकृति के नियमों को समझकर प्राकृतिक जीवनशैली को अपना सके तथा रोगावस्था में स्वस्त, सुलभ एवं संपूर्ण रूप से निर्दोष ऐसे योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक उपचार पद्धतियों द्वारा स्वास्थ्य लाभ ले सके इस उद्देश्य से श्री जे जे टी विश्वविद्यालय के प्राकृतिक परिवेश में योग एवं प्राकृतिक आयुर्विज्ञान विभाग द्वारा नेचुरोपैथी केन्द्र का संचालन किया गया है ।
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